सी ओ साहब ने व्यंग्य और धमकी के लहजे में कहा - सोशल डिस्टेन्शिंग मैंटेन करियों। सी ओ साहब ने व्यंग्य और धमकी के लहजे में कहा - सोशल डिस्टेन्शिंग मैंटेन करियों।
हमारे लौकिक शिष्टाचार में कुछ आदतों का बदलाव भी आवश्यक हो गया है। हमारे लौकिक शिष्टाचार में कुछ आदतों का बदलाव भी आवश्यक हो गया है।
काँच की चुभन तो हम नौकरों से साफ़ करवा लेंगे, पर मन की इस चुभन का क्या ? काँच की चुभन तो हम नौकरों से साफ़ करवा लेंगे, पर मन की इस चुभन का क्या ?
जब जरूरी हो तभी घर के बाहर निकलें। जब जरूरी हो तभी घर के बाहर निकलें।
पूरे देश का सफाई के प्रति यह जज्बा बना रहे। पूरे देश का सफाई के प्रति यह जज्बा बना रहे।
ये कौन सा मौसम है, पेड़ ,पौधे, पशु, पक्षी सब बहुत खुश नजर आ रहे हैं... ये कौन सा मौसम है, पेड़ ,पौधे, पशु, पक्षी सब बहुत खुश नजर आ रहे हैं...